Friday, January 5, 2018

Current GK Rajasthan 5 January 2018

भील जनजाति के नृत्य 

  • गवरी (राई):-गवरी उत्सव पार्वती की आराधना में 40 दिन चलता है 
  • इसमें शिव व भस्मासुर की कथा का अधिक प्रचलन है 
  • गैर :-होली के अवसर पर भील पुरुषों द्वारा किया जाने वाला सामूहिक वृताकार नृत्य 
  • नेजा :-होली व मांगलिक अवसरों पर भील स्त्रियों का सामूहिक खेल - नृत्य 
  • द्विचक्री :-इस नृत्य को विवाह व मांगलिक अवसरों पर किया जाता है 
  • इस नृत्य में पुरुष बाहरी व महिलाएं अंदर के वृत्त में नाचती है 
  • घुमरा :-इस नृत्य को मांगलिक अवसरों पर भील महिलाओं द्वारा ढोल व थाली पर किया जाता है 
  • हाथीमना:-यह विवाह के अवसर पर किया जाता है 
  • युद्ध नृत्य :-दो दलों द्वारा युद्ध का अभिनय करते हुए किया जाता है 


गरासिया जनजाति के नृत्य 

  • वालर :-यह नृत्य बिना किसी वाद्य यंत्र के स्त्री -पुरुषों द्वारा दो अर्धवृतों में धीमी गति से किया जाता है 
  • कूद :- यह नृत्य गरासिया स्त्री -पुरुषों द्वारा तालियों की ध्वनि पर किया जाता है 
  • जवारा:-यह नृत्य होली दहन के समय किया जाता है 
  • मोरिया :-विवाह के अवसर पर पुरुषों का सामूहिक नृत्य 
  • लूर:-लूर गौत्र की गरासिया स्त्रियों द्वारा वधु पक्ष से रिश्ते की मांग करने के लिए किया जाता है 
  • मांदल:-यह नृत्य मांगलिक अवसरों पर स्त्रियों द्वारा किया जाता है 
  • गौर :-गणगौर पर यह नृत्य स्त्री -पुरुषों द्वारा सामूहिक रूप से किया जाता है 
  • रायण:-मांगलिक अवसरों पर पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य 

No comments:

Post a Comment