मोदी का तीन देशों का पांच दिवसीय दौरा
- मोदी का तीन देशों इंडोनेशिया ,मलेशिया तथा संगापुर का पांच दिवसीय दौरा कल पूरा होगा
- इस यात्रा में सबसे अहम सिंगापूर में हो रहे शांगरी-ला डायलॉग में प्रधानमंत्री का भाषण होगा
- वर्ष 2002 में शांगरी-ला डायलॉग की शुरुवात हुई थी आज यह एशिया प्रशांत क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों तथा सेना अधेक्षों का सबसे बड़ा सालाना सम्मलेन बन चूका है
- मोदी शांगरी-ला डायलॉग में क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों तथा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के बारे में भारत के विचार रख सकते हैं। इस कार्यक्रम में 40 देशों के रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और शीर्ष अधिकारी भाग लेंगे।
- मोदी नानयांग युनिवर्सिटी का करेंगे दौरा
- -मोदी सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी भी जाएंगे। यहां वो 'ट्रांसफॉर्मिंग एशिया थ्रो इनोवेशन' विषय पर संबोधित करेंगे। साथ ही कई एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। यहां वे यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष और बोर्ड मेंबर से भी मुलाकात करेंगे।
- व्यापार को बढ़ावा देने के लिए 14 समझौते
- -भारत और सिंगापुर ने पीएम मोदी की यात्रा के दौरान 14 उद्योग से उद्योग (बी 2 बी) और उद्योग से सरकार (बी 2 जी) करारों की घोषणा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत और सिंगापुर के बीच 14 बी 2 बी और बी 2 जी दस्तावेजों की घोषणा की गई।
- मोदी 3 देशों की यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को इंडोनेशिया पहुंचे थे। वहां दोनों देशों के बीच 15 करार हुए थे। भारत आसियान के तीन देश इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर का रणनीतिक भागीदार है।
- प्रधानमंत्री मोदी 3 देशों की यात्रा के दूसरे चरण में सुबह मलेशिया की राजधानी कुलालालंपुर पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात की, हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी में मलेशिया अहम रणनीतिक सहयोगी और प्राथमिकता वाला देश है
- दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच व्यापार और निवेश के अलावा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा हुई
आशियान(एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस)
- दस दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन है
- सदस्य राष्ट्र :-ब्रुनेई,कंबोडिया,इंडोनेशिया,लाओस,मलेशिया,म्यांमार,फिलीपींस,सिंगापुर,थाइलैंड,वियतनाम है
- आसियान की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी
- इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है
- इसकी स्थापना थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर ने की थी
- बाद में अन्य देश इसमें शामिल हुए थे
- इसका उद्देश्य विकास और समृद्धि को बढ़ावा देना तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता रखना है
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