- मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को युगोस्लाविया में हुआ था
- इनका जन्म नाम अग्नेसे गोंकशी बोंजशियु था जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया
- इन्हें1979 में नोबेल शांति पुरस्कार और 1980 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया
- 6 जनवरी 1929 को मदर टेरेसा भारत आयी और यहाँ लोरेटो कॉन्वेंट से शिक्षिका के रूप में अपने काम की शुरुआत की
- 1944 में कोलकाता से असहाय व बेसहारा लोगों की मदद के प्रयास शुरू किये
राजसमंद
- 1991 में उदयपुर से अलग होकर राजसमंद राजस्थान का 30 वां जिला बना
- इसका नाम राजसमंद झील के नाम पर रखा गया है, जो एक कृत्रिम झील है जो 17 वीं शताब्दी में मेवाड़ के राणा राज सिंह द्वारा बनाई गई थी।
- कुम्भलगढ़ किला व हल्दीघाटी यहाँ के प्रमुख पर्यटक स्थलों में आते है
मेनिनजाइटिस
- बैक्टीरिया , वायरस तथा प्रोटोजोआ आदि से होने वाला संक्रमण जब दिमाग व रीढ़ की हड्डी की बहरी झिल्ली को संक्रमित करता है तब मेनिनजाइटिस होता है या शरीर का बुखार जब दिमाग पर असर करे तो मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार ) होता है
- यह एक तरह का इंफेक्शन होता है जो मष्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की रक्षा करने वाले मेंब्रेन में सूजन पैदा कर देता है। अधिकांश मामलों में इसका कारण वायरस होता है
प्रकार
मेनिनजाइटिस तीन प्रकार का होता है
- 1. वायरल मेनिनजाइटिस :- वायरल मेनिनजाइटिस सबसे आम है, यह एक गंभीर संक्रमण नहीं है। यह मच्छर जनित वायरस के रूप में शरीर में पहुंचकर बुखार को कारण हो सकता है
- 2.बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस :-आमतौर पर एक गंभीर संक्रमण है। यह बैक्टीरिया की तीन प्रकार से होता है, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, नेसेरिया मेनिनजाइटाइडिस और स्ट्रैपटोकोकस निमोनिया बैक्टीरिया। स्ट्रैपटोकोकस निमोनिया के कारण दिमागी बुखार न्यूमोकोकल दिमागी बुखार के रूप में जाना जाता है, जबकि नेसेरिया मेनिनजाइटाइडिस की वजह से मेनिनजाइटिस, मेनिंगोकोक्सल मेनिन्जाइटिस के रूप में जाना जाता है
- 3. फंगल मेनिनजाइटिस :- फंगल इंफेक्शन से मेनिनजाइटिस होने का खतरा सबसे कम होता है। यह संक्रमित व्यक्ति से दूसरे को नहीं फैलता लेकिन जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है वह इससे जल्दी प्रभावित होते हैं। कैंसर तथा एचआईवी रोगियों को इसके होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
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