डॉ. वर्गीज कुरियन ( मिल्कमैन )
- कुरियन का जन्म केरल के कोझिकोड में 26 नवंबर, 1921 को हुआ था
- डॉ. वर्गीज कुरियन को अमूल की स्थापना, भारत में ‘श्वेत क्रांति के जनक’ के रूप में जाना जाता है
- कुरियन भारत में ‘श्वेत क्रांति’ के जनक थे। उन्हें ‘फादर ऑफ़ वाइट रेवोलुशन’ भी कहा जाता है। उन्होंने भारत को दूध की कमी से जूझने वाले देश से दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाने वाले सहकारी दुग्ध उद्योग के मॉडल की आधारशिला रखी थी।
- उनके ‘ऑपरेशन फ्लड’ ने भारत को दुग्ध उत्पादकों की सूचि में सबसे आगे खड़ा कर दिया। अपने जीवनकाल में 30 से अधिक उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना करने वाले डॉ कुरियन को रेमन मैगसेसे, पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- 9 सितंबर, 2012 को डॉ कुरियन का निधन गुजरात के आणंद के पास के नाडियाड कस्बे में हो गया। वह 90 साल के थे।
- अमूल की सफलता से आशान्वित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने अमूल मॉडल को देश के अन्य स्थानों पर फैलाने के लिए राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी) का गठन 1965 में किया और डॉ कुरियन को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया
- एनडीडीबी ने वर्ष 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत की जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक बन गया। कुरियन 1965 से 1998 तक 33 साल एनडीडीबी के अध्यक्ष रहे
- वर्ष 1973 में, डॉ कुरियन ने डेरियों द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए जीसीएमएमएफ (गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन) की स्थापना की और 2006 तक इसके अध्यक्ष रहे। इसके साथ-साथ वो 1979 से 2006 तक इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट के अध्यक्ष भी रहे।
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