- राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को ख़त्म हो रहा है
- राष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 324 और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति निर्वाचन अधिनियम 1952 के तहत है
- संसद =राष्ट्रपति +लोकसभा +राज्यसभा
- राष्ट्रपति का चुनाव :-लोकसभा,राज्यसभा तथा राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य करते है राष्ट्रपति का चयन
- राष्ट्रपति की और से नामांकित सांसद नहीं दाल सकते वोट
- राज्य विधान परिषदों के सदस्यों को भी नहीं है वोटिंग का अधिकार
- मत का मूल्य :-वोट डालने वाले सांसदों व विधायकों के वोट का मूल्य अलग -अलग होता है इसे आनुपातिक प्रतिनिधित्व व्यवस्था कहते है
- विधायकों के वोट का मूल्य 1971 की जनगणना के आधार पर तय होता है 2026 तक इसी जनगणना के आंकड़े मान्य होंगे
- उत्तरप्रदेश के मतों का मूल्य सबसे ज्यादा है तथा सिक्किम के मतों का मूल्य सबसे कम
- राष्ट्रपति की शपथ व इस्तीफा :-राष्ट्रपति को पद व गोपनीयता की शपथ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दिलाते है
- तथा समय से पूर्व अपना पद छोड़ने पर स्थिति में राष्ट्रपति अपना लिखित त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को देते है
- महाभियोग :-राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 61 के तहत महाभियोग की प्रक्रिया से पद से हटाया जा सकता है
- पुनर्निर्वाचन :-संविधान के अनुच्छेद 57 के तहत राष्ट्रपति पुनर्निर्वाचन के पात्र है
- राष्ट्रपति की शक्तियां
- कार्यपालिका की शक्ति राष्ट्रपति में निहित है इसमें केंद्र सरकार का संचालन,विदेश नीति का निर्धारण तथा राज्य का कामकाज चलाना प्रमुख है
- राष्ट्रपति को अनेक अधिकार है लेकिन इसका उपयोग आपातकाल में करते है इन शक्तियों का वास्तविक प्रयोग प्रधानमंत्री तथा मंत्रिपरिषद करते है
हस्तांतरणीय मत प्रणाली
- राष्ट्रपति चुनाव में हस्तांतरणीय मत प्रणाली का उपयोग किया जाता है वोटर एक ही वोट देता है लेकिन प्राथमिकता में पहली,दूसरी तथा तीसरी पसंद बताता है
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