Friday, February 28, 2014

भारत के पहले अल्पसंख्यक साइबर गांव का उद्घाटन


भारत के पहले अल्पसंख्यक साइबर गांव का उद्घाटन अलवर जिले के चन्दौली में 19 फ़रवरी 2014 को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रहमान खान द्वारा किया गया.

चन्दौली को पायलट परियोजना के लिए पहले गांव के रूप में चयनित किया गया है क्योंकि यहा पर 80 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक आबादी का रहती है और मेवात क्षेत्र अल्पसंख्यकों की शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी पिछड़ा हुआ है. पायलट परियोजना की सफलता के बाद परियोजना को अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा.

साइबर गांव के बारे में
• साइबर गांव परियोजना 15-59 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करेगा.
• आगे भी , परियोजना के तहत अल्पसंख्यक की पर्याप्त आबादी वाले गांवों में स्थापित किया जाएगा.
• इस परियोजना के तहत विशेषज्ञ चन्दौली के लोगों के लिए कम्यूटर कौशल का प्रशिक्षण प्रदान करेगें.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री अपनी घोषणा में कहा कि सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के लिए केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर विशेष स्कूलों को खोलने पर विचार कर रही है. सरकार ने अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में 200 नए कॉलेजों के खोलने की योजना बनाई है जिसमें लक्ष्मणगढ़, तिजारा, किशनगढबस और रामगढ़ शामिल हैं.

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